stock market trading for beginners?

शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या होता है ? / What is Stock market Trading?

हम जानेंगे की…

  1.  शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है? 
  2. इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होता है ?
  3. स्विंग ट्रेडिंग क्या होता है ?
  4. ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होता है ?
  5. लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग किसे सहते है ?

शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या होता है ? (what is stock market ?)

 ट्रेडिंग का अर्थ होता है व्यापार, जब हम किसी भी शेयर को निश्चित समय के लिए खरीदते है या फिर उसे बेचते है तो हम कह सकते है की हम शेयर का व्यापार कर रहे है।और इसे ही अंग्रेजी मे स्टॉक ट्रेडिंग कहते है। यह तो आप जान गए की स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग एक तरह का व्यापार है। शेयर बाजार मे ट्रेडिंग के कई प्रकार है, जिसके बारे मे हम आप को आगे इस आर्टिकल मे बताएंगे। क्या आप को मालूम है, शेयर क्यू खरीदे जाते है ?

उदाहरण के तौर पर बात करे तो >>

  • मान लीजिए की आप कोई एक शेयर को खरीदते हैं, जब उस शेयर की कीमत कम होती है, और तब बेचते हैं, जब उनकी कीमत बढ़ जाती है। तब आपकी कमाई उस  शेयरों की कीमत के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करेगा। यही क्रिया को कम काम समय मे कने को हम ट्रेडिंग कहते है।
  • ट्रेडिंग लाभदायक हो सकती है, लेकिन यह बहुत ही जोखिमपूर्ण भी होती है, शेयर की कीमतें समय-समय पर अनियमित रूप से बदलती रहती है। यदि आप बिना किसी अनुभव के ट्रेडिंग करते है या इसें जुए की तरह खेलते है तो आप के पैसे डूब सकते है।

हम बता दें की शेयर मार्केट मे ट्रेडिंग कई प्रकार के होते है। जैसे की हमने आप को पहले बात चुके है। 

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) क्या होता है ? 

इंट्राडे ट्रेडिंग मे, जब मार्केट सुबह सुबह खुलता है। मतलब (9:15 am)उस टाइम से ले कर जब तक मार्केट बंद नहीं हो जाता(3:30 pm) तब तक ट्रेडर शेयर को खरीद और बेच सकता है। मतलब इसमें ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीदते हैं और उन्हें उसी दिन बेच देते हैं। यदि वे ऐसा नहीं करते है तो उनका ब्रोकर बिना आप के इजाजत के मार्केट बंद होने से पहले ही आप के लिए हुवे शेयर बेच देगा। इंट्राडे ट्रेडिंग मे ट्रेडर शेयर की कीमतो के छोटे-मोटे हो रहे उतार-चढ़ाव से लाभ उठाना होता है, न कि लंबे समय तक उस शेयर को होल्ड कर के रखना होता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग मे आप को शेयरो पर अच्छा खास छूट मिल जाता है। जिसके मदद से आप कम दाम मे अधिक शेयर खरीद सकते है, और उसपे होने वाले मुनाफे भी कमा सकते है।  यदि आप ट्रेडिंग शुरू करना चाहते है तो इंट्राडे आप के लिए एक बढ़िया विकल्प हो सकता है।

क्यू की इससे अप को मार्केट के बेसिक्स और बिहेवीयर को आसानी से समझने का अनुभव होगा और तो और इसमे आप के निवेश पर कम से कम नुकसान होने का भी खतरा रहता है। किसी भी तरीके के ट्रेडिंग को शुरू करने से पहले उसके बेसिक्स को अवश्य जान लेना चाहिए। नहीं तो आप भारी आर्थिक संकट मे पड़ सकते है। 


स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) क्या होता है ?

 स्विंग ट्रेडिंग मे इंट्राडे ट्रेडिंग जैसी किसी भी तरह की समय सीमा नहीं होती है, की आप को मार्केट बंद होने से पहले ही शेयर को बेचना पड़े, जैसे इंट्राडे ट्रेडिंग मे छोटे-मोटे  उतार-चढ़ाव से लाभ कमाते है। उसी प्रकार स्विंग ट्रेडिंग मे हम किसी शेयर को कुछ दिन या हफ्तों के लिए होल्ड कर के उस शेयर पर हो रहे उतार – चढ़ाव से लाभ कमाते है।

स्विंग ट्रेडिंग मे अधिक से अधिक हम किसी शेयर को एक से दो माह तक रख के उसपे लाभ कमाते है। उसके लिए हमे शेयर के चार्ट को देखना होता है। जिससे हम पता लगा सके की कौन सा शेयर अच्छा स्विंग बना रहा है।जिस प्रकार आप को इंट्राडे मे शेयरो पर अच्छा – खासा छूट मिल जाता है, वही स्विंग ट्रेडिंग मे आप को किसी प्रकार का छूट नहीं मिलता है। आप को शेयर को उसके मार्केट प्राइस पर खरीदना पड़ता है।

उसके लिए आप को अपने ब्रोकर के ऐप मे जा के जो शेयर खरीदना होता है। उसे डेलीवेरी वाले बटन को दबाके खरीदना होता है। खरीदने से पहले आप को चार्ट मे स्विंग पैटर्न को देख कर ही उस शेयर को खरीदे ताकि जब मार्केट उस स्विंग के साथ मूव हो तो आप अपने किए हुवे निवेश पर प्रॉफ़िट बना सके। 

नीचे दिए गए चित्र की मदद से अप यह जन सकते है की Swing Trading कैसे करते है !! >>


ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading) क्या होता है ?

 ऑप्शन ट्रेडिंग एक आर्थिक समूह है, जिसमें ट्रेडर किसी निर्धारित समय अवधि के लिए किसी निर्धारित मूल्य पर शेयर खरीदने या बेचने का अधिकार खरीदता है।लेकिन उसके लिए उसे एक निश्चित मूल्य चुकाना होता है। आसान भाषा मे बताऊ तो “कोई शेयर कितना ऊपर या फिर वह शेयर कितना नीचे जाएगा इसका अनुमान लगा के हमे उस शेयर के ऑप्शन प्रीमियम के प्राइस को एक निर्धारित समय के लिए खरीदना होता है। उसके बाद वह प्रीमियम जो हम खरीदे है, उसका समय निश्चित होता है, ट्रेडर को समय की मर्यादा का ध्यान रखना होता है। यदि वह ऐसा नहीं करता है, तो उस के लगाए हुवे सारे पैसे शून्य ( खतम ) हो जाते है।

ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आप को कुछ बातों का ध्यान रखना होता है। जैसे की आप को यह समझना जरूरी है कि ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होता है? और आपको अपने आर्थिक लक्ष्य को स्पष्ट रूप से निर्धारित रखना होता है। कितना नुकसान आप सह सकते है अपने निवेश के रिस्क को समझे।

कितना धन निवेश किया जा सकता है और कितने समय तक निवेश कर सकते हैं इसका ध्यान रखे। रिसर्च करे मार्केट किस दिशा मे है और मार्केट का स्वभाव क्या है ? जब आप तैयार हो जाएं, तब ही निवेश करें। और हमेशा अपने लक्ष्यों के अनुसार चलें। बाजार की ताजगी, विशेषज्ञों की सलाह, और अन्य फैक्टर्स को ध्यान में रखें।


लॉन्ग ट्रेडिंग (Long Trading) क्या होता है ?

 लॉन्ग ट्रेडिंग अधिकतर सभी ट्रेडर को पसंद होता है। लॉन्ग ट्रेडिंग करने वाले लोग अक्सर इसलिए करते हैं क्यों कि उन्हें यह विश्वास होता है कि उनके निवेश किए हुए पैसे धीरे-धीरे समय के साथ बढ़ते रहने वाले है। यह ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी उन्हें एक लंबे समय तक शेयरों को धारण करने का मौका देती है, जिससे उन्हें आर्थिक सुरक्षा का अहसास होता है। इस ट्रेडिंग के तरीको मे हमे अपने वित्तीय लक्ष्य (Investment Plan) लंबे समय के लिए बनाने होते है और मार्केट के साप्ताहिक ट्रेंड को फॉलो करते है।

इसका पहला कारण यह है की, यह आपको बाजार के उतार-चढ़ाव से लाभ उठाने का मौका देती है, जिससे आपका निवेश किया हुव मूल्य बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। और आप को अन्य ट्रेडर की तरह ज्यादा समय तक अपने कंप्युटर के स्क्रीन पर नहीं बैठना होता है।

दूसरा, यह आपको आर्थिक सुरक्षा का लाभ भी देती है, क्योंकि आप शेयरों को बाजार में लंबे समय तक धारण करते हैं, जिससे किसी छोटे-मोटे उतार-चढ़ाव से परेशान नहीं होते है। लंबे समय तक किसी शेयर मे निवेश करने से उसपे हमे व्याज के साथ-साथ कंपनी के द्वारा डेविडेंट भी मिलता है। यह डेविडेंट सीधा आप के बैंक आकॉउन्ट मे ट्रांसफर किया जाता है।

तीसरे, लॉन्ग ट्रेडिंग आपको नुकसान करने से बचाती है, क्योंकि आपको निवेश करने के लिए बार-बार बाजार में देखने की जरूरत नहीं होती। यदि आप अपने आर्थिक लक्ष्य को अछे से जानते है और अपने नियम पर अड़े राहते है तो आप लॉन्ग टर्म इंवेसमेंट मे अछे पैसे बना सकते है। इसमे सबसे ज्यादा ध्यान इस बात का देना होता है की, हमे रोजाना या फिर हफ्तों मे अपने किए हुवे निवेश पर कितना फायदा हो रहा है या कितना नुकसान इसे नहीं देखना होता है। ऐसा करने से आप कभी भी इस ट्रेडिंग छेत्र मे सफल नहीं हो सकते।


यदि हम शेयर मार्केट मे निवेश करते है तो हमे शेयरो के फंडामेंटल को पढ़ने के साथ साथ उसके टेक्निकल अनैलिसिस को भी समझना बेहद जरूरी है। और टेक्निकल अनैलिसिस के बिना ट्रेडिंग करना भी बहुत मुश्किल होता है। टेक्निकल अनैलिसिस हमे यह बताता है की कोन सा शेयर कब और की डाइरेक्शन मे जाने वाला है। यदि आप टेक्निकल अनैलिसिस को अछे से समझना चाहते है। तो हमारा टेक्निकल अनैलिसिस वाला आर्टिकल जरूर पढे। 

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