चार्ट पैटर्न्स कैसे देखा जाता है? What is chart pattern?

इस आर्टिकल मे हम जानेंगे की चार्ट पैटर्न और उससे जुड़ी सारी जानकारियों के बारे मे, हमने आप को इसके पहले यह बताया था, की शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखा जाता है?आगे हम विस्तार से जानेंगे की चार्ट पैटर्न कितने प्रकार के होते है और उनके क्या कार्य होते है?

बात करे, Share market Chart Pattern के बारे मे तो इसका उपयोग सबसे पहले, जापान के व्यापारियों द्वारा 18वीं सदी में किया गया था, जिसे ‘कैंडलस्टिक चार्टिंग’ कहा जाता है। इसके बाद, पश्चिमी देशों में 20वीं सदी के शुरुआती दौर में चार्ट पैटर्न का प्रचलन बदने लगा,  और इसके चलते कैंडीलस्टिक चार्ट के तकनीकी विश्लेषण के जरिए मार्केट की गतिविधियों का अध्ययन किया जाने लगा।

Chart Pattern एक प्रकार के टूल होते है, जो मार्केट के पिछले डेटा (जैसे की प्राइस मूवमेंट) का अध्ययन कर के भविष्य मे होने वाली प्राइस मूवमेंट की भविष्यवाणी करने मे मदद करती है। यह चार्ट पैटर्न एक ग्राफ के रूप मे होते है, जिसे देखा कर निवेशक यह समझने की कोशिश करते है की मार्केट मे किस तरह की मूवमेंट होने वाली है।


चार्ट पैटर्न क्या होता है ? (what is Chart Pattern in Trading ?)

शेयर बाजार मे Chart Pattern वह आकृति है जो शेयर बाजार की कीमतों के उतार – चदाव को ग्राफ के माध्यम से चार्ट पर दिखती है? chart pattern हमे यह बताने की कोशिश करती है की भविष्य मे शेयर की किमाते किस दिशा मे जाने वाली है अर्थात शेयर की कीमत कितना बढ़ाने और घटाने वाली है।

आप को बात दे की Chart pattern निवेशकों और व्यापारियों को बाजार के रुझानों को बढ़ती है और एक निवेशक को सही निर्णय लेने मे मदद करती है।

Chart Pattern विशेष रूप से तीन टाइप्स के होते है। जो की कुछ इस प्रकार से है:

  • रिवर्सल पैटर्न (Reversal Patterns)
  • कंटिन्यूएशन पैटर्न (Continuation Patterns)
  • बिलैटरल पैटर्न (Bilateral Patterns)

1. रिवर्सल पैटर्न्स (Reversal Patterns):

जब किसी भी शेयर प्राइस के चार्ट या किसी अन्य इंडेक्स के चार्ट पर बन रहे ग्राफ की दिशा अचानक बदल जाती है तो उसे रिवर्सल पैटर्न कहते है। आसान शब्दों में कहा जाए तो, रिवर्सल पैटर्न निवेसको को यह सूचना देते है की वर्तमान मे चल रहे ट्रेंड ( Uptrend and Downtrend ) अपने विपरीत दिशा मे बदलने वाले है।

यदि कोई शेयर चार्ट मे डाउनट्रेंड( नीचे की ओर ) मे है तो वह उपट्रेंड ( उप्पार की ओर ) मे बदल जाएगा और जो उपट्रेंड मे शेयर है वह डाउनट्रेंड मे बदलने वाला है। जिससे की निवेसक अपना निर्णय अछे से लेसके और लाभ कमा सके।

Reversal Chart Pattern के अंतर गत कई तरह के पैटर्न होते है जिनकी मदद से हम मार्केट के बदलते ट्रेंड को समझ सकते है। रिवर्सल पैटर्न कुछ इस तरह के होते है जैसे की:

  • हेड एंड शोल्डर (Head and Shoulders)

  • डबल टॉप और डबल बॉटम (Double Top and Double Bottom)

  • ट्रिपल टॉप और ट्रिपल बॉटम (Triple Top and Triple Bottom)

  • राइज़ींग वेज और फॉलिंग वेज (Rising Wedge and Falling Wedge)

हेड एंड शोल्डर (Head and Shoulders):

हेड एण्ड शोल्डर पैटर्न चार्ट मे एक बुलिश ट्रेंड से बेरिश ट्रेंड बदलने ले लिए चार्ट मे बंता है। इस पैटर्न को पहचानने के लिए हमे ट्रेंड लाइन की मदद से इसे तीन बिन्दुओ को समझना होगा। इस पैटर्न मे दो छोटे कोण और एक मध्य मे बड़े कोण होते है।

मध्य वाले कोण को हेड कहते है और उसके अगल बगल के दो छोटे कोण को शोल्डर कहते है। यह पैटर्न का चार्ट पर बनाने से निवेसक यह पता लगा पते है की मार्केट का दिशा नीचे की ओर होने वाला है।

इसी प्रकार यदि यही पैटर्न विपरीत बनता है तो इसे इनवर्स हेड एण्ड शोल्डर (Inverse Head and Shoulder) कहा जाता है। यह पैटर्न  बेरिश ट्रेंड को बुलिश ट्रेंड मे बदलने का कार्य करता है। इन पैटर्न को अछे से समझने के लिए इन चित्र को देखे।

डबल टॉप और डबल बॉटम (Double Top and Double Bottom):

डबल टॉप (Double Top) पैटर्न चार्ट मे विशेष रूप मे “M” के आकार का दिखाई देता है। डबल टॉप चार्ट मे तब बंता है जब मार्केट एक उपट्रेंड मे हो और अपने उपट्रेंड वाले बिहेवीयर को बदल के बेरिश रिवर्सल का संकेत देता है। इस पैटर्न को स्पष्ट रूप से समझने के लिए नीचे दिए गए चित्र को देखा सकते है।

डबल बॉटम (Double Bottom) पैटर्न डबल टॉप के विपरीत “W” के आकार का दिखाई डेटा है। डबल बॉटम पैटर्न यह संकेत देता है की मार्केट किस पॉइंट से बेरिश से बुलिश होने वाला है। यह पैटर्न बेरिश ट्रेंड मे बंता है। नीचे दिए गए चित्र की मदद से आप इस पैटर्न को अछे से समझ पाएंगे।

ट्रिपल टॉप और ट्रिपल बॉटम (Triple Top and Triple Bottom):

ट्रिपल टॉप (Triple Top) पैटर्न और डबल टॉप पैटर्न मे ज्यादा अंतर नहीं है, जहाँ डबल टॉप मे दो बिन्दु होते है वही पर ट्रिपल टॉप मे तीन उच्चतम बिन्दु होते है। ट्रिपल टॉप पैटर्न यह संकेत देता है की मार्केट इस पैटर्न के बाद बेरिश होने वाली है।

बात करे ट्रिपल बॉटम(Triple Bottom) की तो यह भी डबल बॉटम की तर मिलता जुलता दिखाई देता है। अंतर केवल यही है की डबल बॉटम मे दो न्यूनतम बिन्दु होते है वही पर ट्रिपल बॉटम मे तीन न्यूनतम बिन्दु होते है। यह पैटर्न मार्केट को बुलिश होने के संकेत करता है।

राइज़ींग वेज और फॉलिंग वेज (Rising Wedge and Falling Wedge):

राइज़ींग वेज (Rising Wedge) पैटर्न एक बेरिश पैटर्न है यह मार्केट के अपट्रेंडिंग के समय मे बनता  है। यह पैटर्न एक छोटे से रेंज मे काफी ज्यादा बार ऊपर- नीचे होते हुवे पैटर्न को बनाता है।

बात करे फॉलिंग वेज (Falling Wedge) पैटर्न की तो यह एक बुलिश पैटर्न है, यह पैटर्न मार्केट जब डाउन ट्रेंड के समय बंता है। इस पैटर्न के बनने के बाद मार्केट डाउन ट्रेंड से रिवर्स हो के अपट्रेन्ड मे बदल जाता है। स्पष्ट रूप से समझने के लिए नीचे दिए गए चित्र को देखें।

 


2. कंटिन्यूएशन पैटर्न (Continuation Patterns):

कंटिन्यूएशन पैटर्न हमे यह बताते है की वर्तमान के चार्ट मे बन रहे प्राइस के उतार-चढ़ाव यानी की (consolidation) के बाद चार्ट मे ट्रेंड देखने को मिलेगा। इनमे से कुछ पैटटर्न डाउनट्रेंड के लिए होते है और कुछ पैटटर्न अपट्रेंड के लिए होते है।

Continuation Chart Patterns कई तरह के होते है जो हमे यह बताते है की रुके हुवे बाजार के भाव कब ऊपर या फिर नीचे की ओर आ सकते है। कंटिन्यूएशन पैटर्न्स कुछ इस प्रकार के होते है।
  • बुलिश पेनेंट्स और बेरिश पेनेंट्स (Bullish Pennants and Bearish Pennant)

  •  बुलिश रेक्टैंगल और बेरिश रेक्टैंगल (Bullish Rectangle and Bearish Rectangle)

बुलिश पेनेंट्स और बेरिश पेनेंट्स (Bullish Pennants and Bearish Pennant):

बुलिश पेनेंट्स (Bullish Pennants) पैटर्न एक त्रिभुज के आकार का होता है, इस पैटर्न का निर्माण मार्केट जब अपट्रेन्ड मे होता है और जब मार्केट का ग्राफ किसी एक बिन्दु पर आके रुक जाता है, तब उसे बुलिश पेनेंट्स पैटर्न के नाम से जाना जाता है।

जब बाजार मे खरीदार और विक्रेता दोनों की संख्या समान हो जाती है और मार्केट का ग्राफ एक स्थान पर रुक हुआ मालूम होता है। मार्केट का ग्राफ ना तो ऊपर की ओर और ना ही नीचे की ओर जाता है तो उस तरह के पैटर्न को कंटिन्यूएशन पैटर्न कहा जाता है।

इसी प्रकार बेरिश पेनेंट्स (Bearish Pennant) पैटर्न भी एक त्रिभुज के आकार का होता है, यह बुलिश पेनेंट्स से मिलता जुलता होता है किन्तु इसका कार्य बुलिश पेनेंट्स से विपरीत होता है। यह पैटर्न बेरिश पैटर्न के अंतरगत आता है।

बुलिश रेक्टैंगल और बेरिश रेक्टैंगल (Bullish Rectangle and Bearish Rectangle):

बुलिश रेक्टैंगल (Bullish Rectangle) एक ऐसा पैटर्न है जो चार्ट मे एक स्प्रिंग के भाति दिखाई देता है। इसके ऊपर और नीचे के बिन्दु बराबर होते है जिससे की इसे पहचानना आसान होता है। यह पैटर्न ट्रिपल टॉप से बहुत मिलता जुलता है किन्तु इसका आकार छोटा होता है, इसी वजह से इसे बुलिश रेक्टैंगल कहा जाता है।

बात करे बेरिश रेक्टैंगल (Bearish Rectangle) की तो यह भी बुलिश रेक्टैंगल की तरह दिखाई देता है किन्तु इसका कार्य बुलिश रेक्टैंगल से विपरीत होता है। बेरिश रेक्टैंगल मार्केट के बॉटम मे बनता है, यह पैटर्न मार्केट मे बेरिश को दर्शाता है। ऊपर दिए गए चित्र की मदद से इसे समझे।


3. बिलैटरल पैटर्न (Bilateral Patterns):

बिलैटरल पैटर्न (Bilateral Patterns) चार्ट पर हमे यह बताते है की अगला होने वाला ब्रेकॉउट किशि भी दिशा मे हो सकता है।  बिलैटरल पैटर्न लगभग कंटिन्यूएशन पैटर्न की तरह दिखाई पड़ता है किन्तु यह पैटर्न आकार मे बड़े होते है।

इन पैटर्न का हाई और लो वाला बिन्दु थोडा अधिक दूरी पर होता है। जिसकी मदद से इन्हे पहचान जा सकता है। देखा जाए तो इनके नाम कुछ इस प्रकार से है।

  • असेंडिनग ट्रेनगल (Ascending Triangle)

  • डिसेंडिनग ट्रेनगल (Descending Triangle)

  • सिमेट्रिकल ट्रेनगल (Symmetrical Triangle)

असेंडिनग ट्रेनगल (Ascending Triangle):

असेंडिनग ट्रेनगल (Ascending Triangle) पैटर्न की बात करे तो इसके ऊपर के सभी बिन्दु बराबर एक हॉरिजॉन्टल लाइन मे होते है और नीचे के सभी बिन्दु ऊपर की ओर एक अप ट्रेंडलाइन मे होते है। असेंडिनग ट्रेनगल पैटर्न किसी भी दिशा मे ऊपर या फिर नीचे किसी भी देश मे ब्रेक आउट देसकते है।

डिसेंडिनग ट्रेनगल (Descending Triangle):

डिसेंडिनग ट्रेनगल (Descending Triangle) पैटर्न असेंडिनग ट्रेनगल का विपरीत होता है, जहाँ असेंडिनग ट्रेनगल पैटर्न का निर्माण बुलिश मार्केट मे होता है। वही पे देखा जाए तो डिसेंडिनग ट्रेनगल पैटर्न का निर्माण बेरिश मार्केट के दौरान होता है।

इसके नीचे के बिन्दु समान सीधी लाइन मे होते है और ऊपर के बिन्दु डाउन ट्रेंडलाइन से जुड़े हुवे होते है। डिसेंडिनग ट्रेनगल पैटर्न भी किसी भी दिशा मे ब्रेक आउट देसकते है।

सिमेट्रिकल ट्रेनगल (Symmetrical Triangle):

सिमेट्रिकल ट्रेनगल (Symmetrical Triangle) पैटर्न पिछले दोनों पैटर्न से बहुत अलग दिखाई देता है। सिमेट्रिकल ट्रेनगल पैटर्न के ऊपर और नीचे के दोनों बिन्दुओ मे बहुत अधिक दूरी होती है, इसे हम दो ट्रेन लाइन की मदद से एक बिन्दु पर ममिला के समझते है।

सिमेट्रिकल ट्रेनगल पैटर्न अछे से समझने के लिए नीचे दिए गए चित्र की मदद से समझे।

Leave a comment

Exit mobile version